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गुरुवार, 19 मई 2011

Mulayam Singh Yadav Former Chief Minister of Uttar Pradesh



मुलायम सिंह यादव को भारतीय राजनीति मे विशिष्ट स्थान प्राप्त है।वे  बहुत ही लोकप्रिय राष्ट्रीय नेता हैं। प्यार से लोग उन्हें  "नेता जी"  कहते हैं।वे देश के सर्वाधिक  जनसँख्या वाले प्रान्त  उत्तर प्रदेश के    तीन बार मुख्यमंत्री और एक बार केंद्र सरकार  में  रक्षा मंत्री रह चुके हैं।  वे समाजवादी पार्टी के वर्तमान  राष्ट्रीय अध्यक्ष भी  हैं।  उनका जन्म 22 नवम्बर, 1939  मे  उत्तर-प्रदेश के  इटावा जिले मे सैफ़ई गाँव के एक संपन्न  कृषक  परिवार में  हुआ  था।  उनके पिता का नाम सुघर सिंह और माता का नाम मूर्ती देवी है । उनके चार भाई और एक बहन है।  भाइयों  के  नाम हैं -रतन सिंह यादव , अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव और रामगोपाल सिंह यादव  तथा   बहन का नाम  कमला देवी है ।   रतन सिंह आयु मे उनसे बडे हैं त्तथा  अन्य  भाई बहन  उनसे छोटे। मुलायम सिंह ने दो विवाह किये । उनकी पहली पत्नी का नाम था मालती देवी ।  अखिलेश यादव का जन्म उन्ही   के गर्भ से हुआ था ।  अखिलेश छोटे ही थे कि  उनकी  माता   का देहांत हो गया ।   मुलायम सिंह ने साधना गुप्ता नामक स्त्री से दूसरा  विवाह कर लिया था।   साधना के गर्भ से भी एक पुत्र  उत्त्पन्न हुआ जिसका नाम  है प्रतीक यादव । मुलायम सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से स्नात्तकोतर डिग्री और जैन इंटर कालेज, करहल (मैनपुरी) से बी. टी. की डिग्री प्राप्त की है। 

मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक सफर  1950 के दशक के दौरान तब आरम्भ हुआ जब वे  महान समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया की विचारधारा से प्रभावित  होकर उनके द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में शामिल होकर  किसानो, पिछड़े वर्ग, और दलितो की सेवा तथा  उनकी उन्नति और उत्थान  के कार्य मे जुट गए ।  1967 मे  वे पहली बार विधान सभा सदस्य चुने  गए। निम्न-लिखित कालावधि तक वे तीन बार उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे -
                    पहली बार-       5 दिसम्बर 1989  से 24 जून 1991 तक    
                    दुसरी बार   -    5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1995 तक
                    तीसरी बार -    29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007
                    जून 1996  से   मार्च 1998 तक वे केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री  रहे। 






                 



















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वर्णयामि महापुण्यं सर्वपापहरं नृणां ।
यदोर्वन्शं नरः श्रुत्त्वा सर्वपापैः प्रमुच्यते।i
यत्र-अवतीर्णो भग्वान् परमात्मा नराकृतिः।
यदोसह्त्रोजित्क्रोष्टा नलो रिपुरिति श्रुताः।।
(श्रीमदभागवद्महापुराण)


अर्थ:

यदु वंश परम पवित्र वंश है. यह मनुष्य के समस्त पापों को नष्ट करने वाला है. इस वंश में स्वयम भगवान परब्रह्म ने मनुष्य के रूप में अवतार लिया था जिन्हें श्रीकृष्ण कहते है. जो मनुष्य यदुवंश का श्रवण करेगा वह समस्त पापों से मुक्त हो जाएगा.